Blood Donation in Hindi
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रक्तदान (Blood Donation) के समय ज्यादातर लोगों को इससे होने वाली कमजोरी का भय होता है, जबकि हकीकत यही है कि रक्तदान के बाद हमारा शरीर 24 घंटे में ही उस रक्त के तरल भाग की पूर्ति कर लेता है। और यह सेहत के लिए कई तरह से लाभदायक भी होता है।
रक्तदान करने के लाभ (Raktdaan ke labh)
रक्तदान करने के लाभ: रक्तदान करने से हमारे शरीर को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचता है, हालांकि यह भ्रांति अवश्य है कि रक्तदान (Blood donate) करने से कमजोरी आती है। कमजोरी कुछ घंटो के लिए आ सकती है। बाद में सब कुछ सामान्य हो जाता है। वहीं रक्तदान करने के बहुत कुछ फायदे (Raktdaan karne ke fayde) भी हैं, जो निम्न प्रकार हैं –
◆ रक्तदान आयरन को संतुलित रखता है : हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आयरन जरूरी है, क्योंकि आयरन विभिन्न अंगो में ऑक्सीजन पहुँचाने का काम करता है। और इसकी अधिक मात्रा लिवर, हार्ट और पैंक्रियाज में इकट्ठी हो जाती है, जिससे सिरोसिस, हार्ट डिजिज, हाइबीपी और डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। रक्तदान करने से आयरन शरीर से बाहर निकलता है। Blood Donation in Hindi
◆ रक्तदान से होती है हेल्थ स्क्रीनिंग : रक्तदान करने से पहले डॉक्टर डोनर के स्वास्थ्य की जांच करते हैं, जिसमें हार्ट बीट, बीपी, कोलेस्ट्रोंल, हीमोग्लोबिन आदि की जांच की जाती है। रोग होने पर इससे इसका पता प्रारम्भिक स्तर पर ही चल जाता है।
◆ रक्तदान कैलोरी बर्न करता है : रक्तदान करने से कैलोरी बर्न करने में और कोलेस्ट्रॉल घटाने में भी मदद मिलती है। रक्तदान से रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है। भरपाई के लिए शरीर बोन मैरो को नये आरबीसी बनाने के लिए प्रेरित करता है। इससे नयी कोशिकाएं बनती है और हमारा सिस्टम रिफ्रेश हो जाता है। रक्तदान करने से हृदय रोग में पाँच प्रतिशत तक की कमी आती है। Blood Donation in Hindi
रक्तदान (Blood donation) को बनाएं जीवन का हिस्सा : अक्सर देखा जाता है कि लोग जरूरत पड़ने पर या इमरजेंसी में ही रक्तदान करते हैं। ऐसा इसलिए भी किया जाता है, क्योंकि कोई अपना या फिर परिचित को रक्त की जरूरत होती है। वहीं दूसरी ओर कई जरूरतमंद समय पर रक्त न मिलने से मौत के मुंह में समा जाते हैं। इसलिए रक्तदान को रूटीन का हिस्सा बनाएं और नियमित रूप से रक्तदान करें। नियमित रूप से रक्तदान करने पर अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ब्लड स्टॉक रह सकता है और जरूरत पड़ने पर अनेक मरीजों को बचाया जा सकता है। पुरुष साल में चार बार और महिलाएं साल में तीन बार रक्तदान कर सकती हैं।
शरीर में रक्त के कार्य
- शरीर में रक्त सेल्स और टिश्यू तक ऑक्सीजन की सप्लाइ करता है। Blood Donation in Hindi
- जरूरी न्यूट्रिएंट्स जैसे – एमिनो एसिड, फैटी एसीड्स, ग्लूकोज आदि की सप्लाइ भी करता है।
- शरीर के विभिन्न अंगों में मौजूद कार्बन डाइ ऑक्सीजन, यूरिया, लेक्टिक एसिड को बाहर निकालने का कार्य करता है।
- रक्त में मौजूद व्हाइट ब्लड सेल्स (डब्ल्यूबीसी) में एंटीबॉडीज होते है, जो शरीर को इन्फेक्शन से बचाता है।
- रक्त शरीर में पीएच लेवल और तापमान को नियंत्रित रखने का कार्य करता है।
- रक्त में मौजूद प्लेटलेट्स दुर्घटना के बाद रक्त का थक्का जमाने में मददगार होते है, जो रक्त को बहने से रोकने का कार्य करते हैं। Blood Donation in Hindi
आप रक्तदान कहां कर सकते हैं
Blood Donation in Hindi : रक्तदान के लिए आप किसी भी लाइसेंस युक्त ब्लड बैंक में कर सकते हैं। रक्तदान की यह सुविधा सभी जिला-चिकित्सालयों में उपलब्ध है। मान्यता प्राप्त एजेंसियों जैसे-रोटरी क्लब, लायंस क्लब द्वारा रक्तदान शिविरों का आयोजन भी होता रहता है। रक्तदान (Blood Donation) के बाद रक्तदाता को डोनर कार्ड मिलता है, जिससे वह रक्तदान की तिथि से 12 महीने तक जरूरत पड़ने पर स्वयं या परिवार के लिए ब्लड बैंक (Blood Bank) से एक यूनिट रक्त (per unit blood) ले सकता है।
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वजन के अनुसार लिया जाता है रक्त : आपके वजन के आधार पर आपका रक्त लिया जाता है। यदि वजन 60 किलो से कम है, तो शरीर से 350 ml रक्त लिया जाता है। वहीं यदि वजन 60 किलो से ज्यादा है, तो शरीर से 450 ml रक्त लिया जाता है। रक्तदान के दौरान जितना खून निकाला जाता है, वह रक्त शरीर 21 दिनों के अंदर फिर से बना लेता है। (Blood Donation in Hindi)
चार तरह के ब्लड ग्रुप (Blood Group) होते हैं
ब्लड को दो एंटीजेन (ए और बी) की उपस्थिति और अनुपस्थिति के आधार पर रक्त को चार ग्रुपों में बांटा गया है:-
ग्रुप ए: इस ग्रुप के ब्लड में रेड सेल्स पर ए एंटीजन होता है, जबकि इसके प्लाज्मा में बी एंटीबॉडी पाया जाता है।
ग्रुप बी: इस ग्रुप के ब्लड में रेड सेल्स पर बी एंटीजेन होता है, जबकि इसके प्लाज्मा में ए एंटीबॉडी रहता है।
ग्रुप एबी: इसमें ए और बी, दोनों एंटीजेन होते हैं। प्लाज्मा में एंटीजेन नहीं होता है। एबी पॉजिटिव ग्रुप वाले किसी से भी ब्लड ले सकते हैं। Blood Donation in Hindi
ग्रुप ओ: रेड सेल्स पर एंटीजेन नहीं होता। प्लाज्मा पर ए और बी एंटीजेन होते हैं। ओ नेगेटिव ग्रुप वाले किसी भी व्यक्ति को भी ब्लड दे सकते हैं।
ग्रुप एचएच: यह रक्त का दुर्लभतम प्रकार है, इस ब्लड ग्रुप वाले लोग किसी को भी ब्लड दे सकते हैं, लेकिन खुद जरूरत पड़ने पर सिर्फ इसी ग्रुप का ब्लड ले सकते हैं।
कब होती है रक्त की जरूरत : अधिकांश बड़े ऑपरेशनों और पार्ट्स ट्रांसप्लांटेशन में भी रक्त की जरूरत होती है, थैलेसीमिया, कैंसर, डायलिसिस आदि रोगों के वक्त भी रक्त की जरूरत होती है। दुर्घटना होने पर खून ज्यादा बह जाये, तो भी रक्त की जरूरत पड़ती है। Blood Donation in Hindi
कौन कर सकता है रक्तदान
- 18 से 60 वर्ष के व्यक्ति ब्लड दे सकते हैं
- दो ब्लड डोनेशन के बीच तीन महीने का अंतर होना चाहिए
- जिस व्यक्ति का वजन 45 किलो है, वे 350 एमएल और 60 किलो वजन वाले व्यक्ति 450 एमएल ब्लड डोनेट कर सकते हैं।
- एचआइवी पॉजिटिव और एसटीडी से ग्रसित लोग ब्लड नहीं दे सकते।
- जिन लोगों का वजन अचानक घट रहा हो, सूजन हो या हल्का बुंखार लगातार रहे, वे व्यक्ति ब्लड डोनेट न करें।
- वैसे लोग जो एंटीबायोटिक, स्टेरॉयड या अल्कोहल ले रहे हों, उन्हें ब्लड डोनेट करने से पहले कुछ समय संबंधी नियमों का पालन करना होता है। Blood Donation in Hindi
- प्रेगनेंट, ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाएं और मासिक धर्म के समय महिलाएं ब्लड डोनेट नहीं कर सकती हैं।
- हृदय रोगी या हाइबीपी वाले लोग ब्लड डोनेट नहीं कर सकते, हेपेटाइटिस बी या सी, लेप्रोसी और टीबी के मरीज डोनेट नहीं कर सकते।
किन स्थितियों में रक्तदान नहीं करना चाहिए
- यदि वायरल संक्रमण है, तो रक्तदान न करें, क्योंकि इससे रक्त के माध्यम से संक्रमण रक्त लेने वाले व्यक्ति में जाने की आंशका बनी रहती है।
- किडनी, हृदय, दिमाग, फेफड़े, लिवर आदि से संबंधित कोई भी बीमारी हो, तो रक्तदान नहीं करना चाहिए।
- यदि थायरॉयड रोग है, तो रक्तदान न करें। Blood Donation in Hindi
- यदि आपको स्वयं कभी रक्त की जरूरत पड़ी हो, तो कम-से-कम एक साल तक रक्तदान न करें।
- यदि शरीर पर टैटू बनवाया हो, तो टैटू बनवाने के छह माह बाद रक्तदान कर सकते हैं।
- यदि हीमोग्लोबिन का लेवल 18 ग्राम/ डीएल से ऊपर हैं। Blood Donation in Hindi
- शूगर, हाइपरटेंशन आदि से ग्रस्त मरीज भी ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं।
रक्तदान के दौरान ध्यान रखी जाने वाली बातें
- रक्तदान टेंशन फ्री और तनाव मुक्त होकर करें।
- सुबह का नाश्ता करने के लगभग एक-डेढ़ घंटे के बाद रक्तदान करें।
- सभी रोगों की जानकारी रक्तदान से पहले डॉक्टर को दें।
- रक्तदान करने के बाद पाँच से दस मिनट तक आराम करना जरूरी होता है।
- रक्तदान करने के बाद नॉर्मल खाना खाएं। Blood Donation in Hindi
- रक्तदान करने के बाद आप अगले एक दिन तक जिम नहीं जा सकते।
- रक्तदान करने के बाद 24 घंटे तक धूम्रपान व शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
- एक बार रक्तदान कर दिया है, तो उसके तीन माह बाद ही दोबारा रक्तदान करें ।
क्या ब्लड डोनेट करते समय टेस्ट जरूरी है?
हां, ब्लड डोनेट करने से पहले ब्लड टेस्ट जरूरी है अन्यथा यदि आपको कोई रोग होगा, तो वह मरीज को भी हो जायेगा। इसमें हेपेटाइटिस, एचआइवी आदि प्रमुख टेस्ट हैं। इसके अलावा आज कल एचटीएलवी (एंटीबॉडी टू ल्यूकेमिया वायरस) का टेस्ट भी जरूरी है। यह टेस्ट ब्लड कैंसर के लिए होता है। यदि ब्लड कैंसर के मरीज का ब्लड सामान्य व्यक्ति को चढ़ा दिया जाये, तो उसे भी ब्लड कैंसर होने का खतरा होता है। (Blood Donation in Hindi)
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ब्लड डोनेशन से रिएक्शन हो सकता है क्या ?
Blood Donation in Hindi यदि रोगी को डोनर का ब्लड सूट नहीं करता है, तो उससे रिएक्शन हो सकता है। इससे खुजली आदि की समस्या हो सकती है। यहां एक बात और ध्यान रखना जरूरी है कि बेहोश व्यक्ति को ब्लड चढ़ाने पर यदि कोई रिएक्शन होता है, तो वह पता नही चल पाता है लेकिन इसके भी कुछ लक्षण सामने आते हैं, जैसे-धड़कनों का बढ़ जाना, पेशाब की मात्रा का कम हो जाना, ब्लड प्रेशर का लो हो जाना आदि। समय पर पता न चलने पर रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।
क्या ब्लड ग्रुप का आरएच नेगेटिव रेयर होता है?
हाँ, पॉजिटिव ग्रुप आसानी से उपलब्ध हो जाता है, जबकि नेगेटिव के मिलने में परेशानी होती है। Blood Donation in Hindi
ब्लड बैंक में जमा ब्लड में हीमोग्लोबिन कम होता है?
रेड ब्लड सेल्स का लाइफ 120 दिनों का होता है। उसके बाद वह कम होने लगता है, इसलिए ट्रांस्फ्यूजन के लिए फ्रेश ब्लड का ही प्रयोग होता है। कई रोगों में प्लेटलेट्स का ट्रांस्फ्यूजन भी होता है। वह भी फ्रेश किया जाता है क्योंकि इसकी लाइफ 5 दिन ही होती है।
साइंस और टेकनोलॉजी दिन-प्रतिदिन तरक्की करने के बावजूद अभी तक वैज्ञानिक कृत्रिम खून नहीं बना पाये हैं। यह केवल शरीर में ही बन सकता है, इसलिए गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने के बाद, विभिन्न सर्जरी या फिर एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल होने के बाद रक्त की जरूरत होती है, तब ब्लड डोनर यह रक्त देता है।
समय पर रक्त मिलने से अधिकतर मरीजों की जन बच जाती हैं। वहीं कई बार रक्त न मिलने से रोगी की मृत्यु भी हो जाती है। वैसे कई अस्पताल और सामाजिक संस्थान समय-समय पर रक्तदान के लिए कैंपों का भी आयोजन करते हैं, जिनमें इकट्ठा हुआ रक्त अस्पताल के माध्यम से जरूरतमंद को दिया जाता है या ब्लड बैंक में रखा जाता है। Blood Donation in Hindi
Blood Donation in Hindi प्रत्येक रक्तदान तीन लोगों की जान बचा सकता है, क्योंकि जो रक्त दान किया जाता है, उसमें तीन अलग-अलग रक्त कण (आरबीसी, प्लाज्मा और प्लेटलेट्स) होते हैं, जो तीन अलग-अलग मरीजों के काम आ सकता है, इसलिए एक बार रक्तदान करके तीन ज़िंदगियाँ बचायी जा सकती हैं। प्लाज्मा को एक साल और प्लेटलेट्स को पाँच दिनों तक रखा जा सकता है। इस अवधि के बाद यह खराब हो जाता है।